_______________मेरी माँ की दुआ________________
मेरी माँ की दुआ क्या सदाबहार है।
दुआ उसकी है या कोई भगवान है।।
जब मुकम्मल नही,तो एक छूटी गजल है।
वो कोई और नही,मेरी माँ एक कमल है।।
वो मेरा नाराज होना फिर भी वो अनजान है।
मेरी माँ का खुश होने की एक दांस्तान है।।
वो मेरे रातो के ख्वाब का सच होंना,अकेला मेरा नही।
वो एक माँ और बेटे के प्यार का अपना इजहार है।।
~अंकित जैन
nice 👌👌👌
ReplyDeleteThanku...
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