____________💝 छाया तो देखो 💝____________ "ये मेरा खुद का तजुर्बा तो देखो, दाम मेरा,नाम किसी और का देखो।। वो जंगल के मिलो रास्ते तो देखो, अपनो के बिछे काटे तो देखो।। तुम अपनी किस्मत की लकीरें तो देखो, आज नही तो कल अपनी तरक्की तो देखो।। गर हो जाती है कभी गलतियां, तो कभी उन्हें मानकर के तो देखो।। वो अब मेरा आसमान को छूना तो छूट गया, अब कभी अपने माँ बाप की छाया मे रह के तो देखो।।" ~ अंकित जैन
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वो मेरी कहानी है,इंतजार कब तक करायेगी तू। ख्वाबो तक ही रहेगी,हकीकत भी हो पायेगी तू।। उम्र कुछ बची है,सूरज देखूँ इसकी कोई खबर नही। नज़्म लिखे है,आज नही तो कल क्या सुन पायेगी तू।। मेरे घर की खिड़कियाँ भी,तड़फ रही है। हो सके तो वो,शामों के पलो को दोहरायेगी तू।। घर का है वो दिया जो, अब बुझ-बुझ जाता है। उसे भी इंतजार है,अपने आँचल से छुपायेगी तू।। अब तो वो अल्फाज भी,कड़वे से लगते है। आरजू है अपने हाथो से प्यार का जाम पिलायेगी तू।। - अंकित जैन
_______________मेरी माँ की दुआ________________ मेरी माँ की दुआ क्या सदाबहार है। दुआ उसकी है या कोई भगवान है।। जब मुकम्मल नही,तो एक छूटी गजल है। वो कोई और नही,मेरी माँ एक कमल है।। वो मेरा नाराज होना फिर भी वो अनजान है। मेरी माँ का खुश होने की एक दांस्तान है।। वो मेरे रातो के ख्वाब का सच होंना,अकेला मेरा नही। वो एक माँ और बेटे के प्यार का अपना इजहार है।। ~अंकित जैन
अरे ओ समुन्दर तू तेरी हद में रह।
ReplyDeleteकभी सुनामी कभी तूफान
और तेरा जल स्तर तो हर साल बढ़ रहा है
थम जा अब, मुझे पानी की दीवार बनाना आ गया है
प्रसम अभय
"ख्वाब समुद्र की तरह देखने बाले अपनी हद में नहीं रहते,
ReplyDeleteजिनका सामना आए दिन समुद्र से हो,बो कभी डरा नहीं करते"
- अंकित जैन