________________◆मेरे लब्ज◆_______________



 "जी हा आपकी..!!
   मुझे बदनाम करने की ' दुआ ',
   कम्बक्त आपकी दुआ मुकम्मल बेअसर निकली,
   परंतु निराश मत होयेगा,कोशिश करते रहियेगा,
   और मेरे लब्जो के रंग को,जमाने पे चढाते रहियेगा.!"
   🙏👍


                                                       "अंकित जैन"

Comments

  1. अरे ओ समुन्दर तू तेरी हद में रह।
    कभी सुनामी कभी तूफान

    और तेरा जल स्तर तो हर साल बढ़ रहा है
    थम जा अब, मुझे पानी की दीवार बनाना आ गया है


    प्रसम अभय

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  2. "ख्वाब समुद्र की तरह देखने बाले अपनी हद में नहीं रहते,
    जिनका सामना आए दिन समुद्र से हो,बो कभी डरा नहीं करते"

    - अंकित जैन

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