_______________😊पसंद🙃________________
"वो सूरज भी अपनी रोशनी से इस जहान को रोशन करता हैं,
तो वो भी किसी को पसंद तो किसी को ना पसंद आती
हैं।
वो बारिश की बूंदे भी धरती-माँ को सुगंधित करती हैं,
तो वो भी किसी को पसंद तो किसी को ना पसंद आती
हैं।
वो इंसान जो सच्चाई के मार्ग पे चला करता है,
तो वो भी किसी को पसंद तो किसी को ना पसंद आती
हैं।
मै भी अपनी कलम से अपने जज्बातो को लिखता हूं,
तो वो भी किसी को पसंद तो किसी को ना पसंद आती
हैं....!"
"अंकित जैन"
तो वो भी किसी को पसंद तो किसी को ना पसंद आती
हैं।
वो इंसान जो सच्चाई के मार्ग पे चला करता है,
तो वो भी किसी को पसंद तो किसी को ना पसंद आती
हैं।
मै भी अपनी कलम से अपने जज्बातो को लिखता हूं,
तो वो भी किसी को पसंद तो किसी को ना पसंद आती
हैं....!"
"अंकित जैन"
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